BA Semester-1 Pracheen Bhartiya Itihas - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2636
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 प्राचीन भारतीय इतिहास

अध्याय - 10

सुमेरियन की सभ्यता

(Sumerian Civilization)

 

प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।

अथवा
सुमेरियन सभ्यता की सामाजिक व्यवस्था पर विस्तृत निबन्ध लिखिए।
अथवा
सुमेरिया के समाज की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. सुमेरियन सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
2. सुमेरियनों के सामाजिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
3. सुमेरियन समाज कितने वर्गों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
4. सुमेरियन सभ्यता में नारी की स्थिति का वर्णन कीजिए।
5. 'सुमेरियन समाज में स्त्रियों की दशा बहुत अच्छी थी। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

सुमेरियन सभ्यता का विकास

मेसोपोटामिया की दजला और फरात नदी घाटी में विकसित होने वाली सभ्यताओं में सुमेरियन सभ्यता भी प्रसिद्ध हुई। इस सभ्यता से सुमेर नगर सटा हुआ था। इसी कारण इस सभ्यता को 'सुमेरियन सभ्यता' के नाम से जाना जाता है।

फारस की सुमेरियन जाति के लोगों ने ईसा से पाँच हजार वर्ष पूर्व मेसोपोटामिया पर आक्रमण किया और यहाँ की अक्काद, बेबीलोन, एलम एवं मूसा आदि अर्द्ध-सभ्य जातियों को युद्ध में हराकर मेसोपोटामिया पर अपना अधिकार कर लिया। इसके पश्चात् मेसोपोटामिया में छोटे-छोटे नगर राज्य स्थापित हुए। 19वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड और फ्रांस के पुरातत्ववेत्ताओं ने सुमेरियन सभ्यता की खोज की। यह सभ्यता 4500 ई.पू. में विकसित हुई थी।

डॉ. गोयल के अनुसार, "सुमेरियन सभ्यता को विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं के इतिहास में अत्यन्त गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है। पश्चिमी एशिया के इतिहास की दृष्टि से सुमेरियनों को सभ्यता का जनक कहने में किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती है।'

सुमेरियन सभ्यता की सामाजिक संरचना

सुमेरियन समाज का ढाँचा विषम परिस्थितियों पर आधारित था। यहाँ राजा और नगर राज्यों के प्रमुख समाज से पृथक् थे। वे स्वेच्छाचारी थे और समाज की कोई व्यवस्था उन पर लागू नहीं थी। समाज में उन्हें उच्च स्थान प्राप्त था।

सुमेरियन समाज का विभाजन

सुमेरिया का समाज तीन वर्गों में विभक्त था उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग, तथा निम्न वर्ग। उच्च वर्ग में राजा, पुरोहित, उच्च पदाधिकारी तथा राज्य परिवार के सदस्य होते थे। माध्यम वर्ग में सामन्त, कृषक, व्यापारी, व्यवसायी आदि होते थे तथा निम्न वर्ग में दास अथवा गुलाम होते थे। वैधानिक रूप से उच्च वर्ग निम्न वर्ग की अपेक्षा अधिक सुविधाएँ प्राप्त करता था। इन सभी में पुरोहितों को अधिक सम्मान दिया जाता था। ऐसा माना जाता है कि राजाओं के पहले पुरोहित ही शासन कार्य सम्भालते थे। पुरोहितों एवं राजाओं के बाद राजकर्मचारी एवं लिपिकों का स्थान था। मध्यम वर्ग के लोग स्वतन्त्र थे तथा दासों की अपेक्षा अच्छी स्थिति में थे। दासों अथवा गुलामों की स्थिति सबसे खराब थी। इनसे प्रायः खेती, सिंचाई तथा निर्माण कार्य करवाया जाता था।

परिवार

सुमेरियन परिवार पितृ-प्रधान था। इसमें पिता का स्थान सर्वोपरि होता था। पिता का अपनी संतति पर पूर्ण अधिकार होता था। वह उन्हें अपनी संतति मानने से मना भी कर सकता तथा नगर से बाहर भी निकाल सकता था। विशेष परिस्थिति में पति अपनी पत्नी को बेच सकता था।

भोजन, वस्त्र तथा आभूषण

सुमेरियन सभ्यता कृषि प्रधान सभ्यता थी। यहाँ के लोग गेहूँ, खजूर, जौ आदि का भोजन करते थे। यहाँ फलों का भी उत्पादन किया जाता था। फलों में अंगूर मुख्य था। अंगूर की अधिक पैदावार के कारण यहाँ शराब का सेवन भी किया जाता था।

उस समय यहाँ के पुरुष घुटने तक कपड़े पहनते थे, जबकि स्त्रियाँ कन्धे से शरीर को ढंकने के लिये कपड़ा लटका लेती थीं। स्त्रियाँ आभूषणों का प्रयोग भी करती थीं। जो स्त्रियाँ उच्च परिवार की होती थीं, वे बहुमूल्य वस्त्र और आभूषणों को धारण करती थीं। प्रायः कंगन, कण्ठहार, अंगूठी, बालियाँ आदि आभूषणों का प्रयोग किया जाता था। ये आभूषण सोने, चाँदी, नीलम आदि के बने होते थे।

विवाह व्यवस्था

सुमेरियन सभ्यता में परिवार के बड़े-बूढ़े बच्चों का विवाह तय करते थे। जिन शर्तों पर विवाह तय किया जाता था, उनको लिपिबद्ध किया जाता था। इस समय दहेज प्रथा भी प्रचलित थी। दहेज के धन पर पत्नी का ही अधिकार होता था। इस धन को वह अपनी सन्तानों में बाँट सकती थी। सन्तान उत्पन्न न होने पर पत्नी की मृत्यु के बाद उसका बचा हुआ धन उसके माता-पिता ले लेते थे। पत्नी के व्यभिचारी होने पर पति दूसरा विवाह तो कर सकता था, किन्तु पहली पत्नी का परित्याग नहीं कर सकता था। पति की मृत्यु हो जाने पर पत्नियाँ पुनर्विवाह कर सकती थीं। सुमेरियन समाज में रखैल की प्रथा भी प्रचलित थी। रखैल से उत्पन्न हुई सन्तान को वास्तविक पत्नी से उत्पन्न पुत्र के समान स्थान प्राप्त था।

सौन्दर्य प्रसाधन

यहाँ से उत्खननकर्ता को एक डिबिया के आकार की प्रसाधन पेटिका प्राप्त हुई है, जो सोने के तार से सजाई गई है। इस पेटिका में एक चिमटी मिली है, जो सम्भवतः भौंहों से अनावश्यक बाल को उखाड़ने में प्रयुक्त की जाती थी। इसके अतिरिक्त एक छोटी-सी छड़ी तथा चम्मच भी इसमें मिली है। पुरातत्ववेत्ताओं का अनुमान है कि ये वस्तुएँ भी श्रृंगार करते समय काम में लाई जाती होंगी। इस पेटिका में लाली व काजल आदि रखने का भी स्थान था। इसी प्रकार एक अन्य प्रसाधन- पेटिका रानी शुवअद की समाधि से प्राप्त हुई है। यह भी सोने के तारों द्वारा सुसज्जित है।

नारी की स्थिति सुमेरियन समाज में नारी को उच्च स्थान प्राप्त था। यद्यपि वैधानिक रूप से पति को यह अधिकार प्राप्त था कि ऋण आदि का भुगतान करने के लिये वह अपनी पत्नी तथा बच्चों को बेच सकता था, फिर भी व्यवहार में ऐसा नहीं किया जाता था, क्योंकि अभी तक इस प्रकार का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। स्त्रियों को पति से पृथक् सम्पत्ति रखने का अधिकार था। वे स्वतन्त्र रूप से व्यापार में भी भाग ले सकती थीं और अपने लिये दासियाँ भी रख सकती थीं। स्त्रियों को शासन का भी अधिकार था। बन्ध्या स्त्री को तलाक दिया जा सकता था। व्यभिचारिणी स्त्री का अपराध क्षमा करने योग्य नहीं होता था तथा उसे मृत्युदण्ड भी दिया जा सकता था।

मृतक संस्कार सुमेरियन सभ्यता के लोगों का ऐसा मानना था कि मनुष्य की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा आवश्यक वस्तुओं को ढूँढती है। इसी कारण मनुष्य की कब्रों में उनकी उपयोगी वस्तुओं को रखा जाता था। साधारण लोगों को घर के आँगन में या कमरे में दफनाया जाता था तथा कब्र के ऊपर समाधियाँ भी बनायी जाती थीं। इनकी कब्र चतुर्भुज के आकार की होती थी। इसमें मृतक को लिटाकर ऊपर से कच्ची ईंटों को मेहराब की तरह से सजाकर दफनाने की प्रथा प्रचलित थी। मृतकों के साथ दैनिक उपयोग की वस्तुएँ, जैसे शस्त्र, आभूषण आदि को भी दफनाया जाता था, ताकि परलोक में उन्हें उपयोगी वस्तुएँ मिल सकें। उर नामक स्थान से एक राजा की समाधि मिली है जिसमें शस्त्रास्त्र, वस्त्र, आभूषण के साथ-साथ रानी परिचारक, वृषभ आदि भी दफनाए गये थे।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
  4. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  6. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- 'फाह्यान पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  8. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  9. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  10. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
  12. प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
  13. प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए
  14. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में आप क्या समझते हैं?
  15. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के सामाजिक व्यवस्था व आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- सिन्धु नदी घाटी के समाज के धार्मिक व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की राजनीतिक व्यवस्था एवं कला का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के नामकरण और उसके भौगोलिक विस्तार की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की नगर योजना का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  20. प्रश्न- हड़प्पा सभ्यता के नगरों के नगर- विन्यास पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  21. प्रश्न- हड़प्पा संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोगों की शारीरिक विशेषताओं का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पाषाण प्रौद्योगिकी पर टिप्पणी लिखिए।
  24. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के सामाजिक संगठन पर टिप्पणी कीजिए।
  25. प्रश्न- सिंधु सभ्यता के कला और धर्म पर टिप्पणी कीजिए।
  26. प्रश्न- सिंधु सभ्यता के व्यापार का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
  27. प्रश्न- सिंधु सभ्यता की लिपि पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  28. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता में शिवोपासना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- सैन्धव धर्म में स्वस्तिक पूजा के विषय में बताइये।
  30. प्रश्न- ऋग्वैदिक अथवा पूर्व वैदिक काल की सभ्यता और संस्कृति के बारे में आप क्या जानते हैं?
  31. प्रश्न- विवाह संस्कार से सम्पादित कृतियों का वर्णन कीजिए तथा महत्व की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- वैदिक काल के प्रमुख देवताओं का परिचय दीजिए।
  33. प्रश्न- ऋग्वेद में सोम देवता का महत्व बताइये।
  34. प्रश्न- वैदिक संस्कृति में इन्द्र के बारे में बताइये।
  35. प्रश्न- वेदों में संध्या एवं ऊषा के विषय में बताइये।
  36. प्रश्न- प्राचीन भारत में जल की पूजा के विषय में बताइये।
  37. प्रश्न- वरुण देवता का महत्व बताइए।
  38. प्रश्न- वैदिक काल में यज्ञ का महत्व बताइए।
  39. प्रश्न- पंच महायज्ञ' पर टिप्पणी लिखिए।
  40. प्रश्न- वैदिक देवता द्यौस और वरुण पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- वैदिक यज्ञों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- वैदिक देवता इन्द्र के विषय में लिखिए।
  43. प्रश्न- वैदिक यज्ञों के सम्पादन में अग्नि के महत्त्व को व्याख्यायित कीजिए।
  44. प्रश्न- उत्तरवैदिक कालीन धार्मिक विश्वासों एवं कृत्यों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  45. प्रश्न- वैदिक काल में प्रकृति पूजा पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- वैदिक संस्कृति की विशेषताएँ बताइये।
  47. प्रश्न- अश्वमेध पर एक टिप्पणी लिखिए।
  48. प्रश्न- आर्यों के आदिस्थान से सम्बन्धित विभिन्न मतों की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- ऋग्वैदिक काल में आर्यों के भौगोलिक ज्ञान का विवरण दीजिए।
  50. प्रश्न- आर्य कौन थे? उनके मूल निवास स्थान सम्बन्धी मतों की समीक्षा कीजिए।
  51. प्रश्न- वैदिक साहित्य से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख अंगों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  52. प्रश्न- आर्य परम्पराओं एवं आर्यों के स्थानान्तरण को समझाइये।
  53. प्रश्न- वैदिक कालीन धार्मिक व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  54. प्रश्न- ऋत की अवधारणा का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- वैदिक देवताओं पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- ऋग्वैदिक धर्म और देवताओं के विषय में लिखिए।
  57. प्रश्न- 'वेदांग' से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- वैदिक कालीन समाज पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- उत्तर वैदिककालीन समाज में हुए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
  60. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल के शासन प्रबन्ध की रूपरेखा पर प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- वैदिक कालीन आर्थिक जीवन का विवरण दीजिए।
  63. प्रश्न- वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य पर एक निबंध लिखिए।
  64. प्रश्न- वैदिक कालीन लोगों के कृषि जीवन का विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- ऋग्वैदिक काल के पशुपालन पर टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- वैदिक आर्यों के संगठित क्रियाकलापों की विवेचना कीजिए।
  68. प्रश्न- आर्य की अवधारणा बताइए।
  69. प्रश्न- आर्य कौन थे? वे कब और कहाँ से भारत आए?
  70. प्रश्न- भारतीय संस्कृति में वेदों का महत्त्व बताइए।
  71. प्रश्न- यजुर्वेद पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  72. प्रश्न- ऋग्वेद पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- वैदिक साहित्य में अरण्यकों के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- आर्य एवं डेन्यूब नदी पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- क्या आर्य ध्रुवों के निवासी थे?
  76. प्रश्न- "आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया था।" विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- संहिता ग्रन्थ से आप क्या समझते हैं?
  78. प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्यों के धार्मिक विश्वासों के बारे में आप क्या जानते हैं?
  79. प्रश्न- पणि से आपका क्या अभिप्राय है?
  80. प्रश्न- वैदिक कालीन कृषि पर टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन उद्योग-धन्धों पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- वैदिक काल में सिंचाई के साधनों एवं उपायों पर एक टिप्पणी लिखिए।
  83. प्रश्न- क्या वैदिक काल में समुद्री व्यापार होता था?
  84. प्रश्न- उत्तर वैदिक कालीन कृषि व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
  85. प्रश्न- उत्तर वैदिक काल में प्रचलित उद्योग-धन्धों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए?
  86. प्रश्न- शतमान पर एक टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- ऋग्वैदिक कालीन व्यापार वाणिज्य की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- भारत में लोहे की प्राचीनता पर प्रकाश डालिए।
  89. प्रश्न- ऋग्वैदिक आर्थिक जीवन पर टिप्पणी लिखिए।
  90. प्रश्न- वैदिककाल में लोहे के उपयोग की विवेचना कीजिए।
  91. प्रश्न- नौकायन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- सिन्धु घाटी की सभ्यता के विशिष्ट तत्वों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- सिन्धु घाटी के लोग कौन थे? उनकी सभ्यता का संस्थापन एवं विनाश कैसे.हुआ?
  94. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता की आर्थिक एवं धार्मिक दशा का वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वैदिक काल की आर्यों की सभ्यता के बारे में आप क्या जानते हैं?
  96. प्रश्न- वैदिक व सैंधव सभ्यता की समानताओं और असमानताओं का विश्लेषण कीजिए।
  97. प्रश्न- वैदिक कालीन सभा और समिति के विषय में आप क्या जानते हैं?
  98. प्रश्न- वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
  99. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के कालक्रम का निर्धारण कीजिए।
  100. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार की विवेचना कीजिए।
  101. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता का बाह्य जगत के साथ संपर्कों की समीक्षा कीजिए।
  102. प्रश्न- हड़प्पा से प्राप्त पुरातत्वों का वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- हड़प्पा कालीन सभ्यता में मूर्तिकला के विकास का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  105. प्रश्न- प्राग्हड़प्पा और हड़प्पा काल का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- प्राचीन काल के सामाजिक संगठन को किस प्रकार निर्धारित किया गया व क्यों?
  107. प्रश्न- जाति प्रथा की उत्पत्ति एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  108. प्रश्न- वर्णाश्रम धर्म से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विशेषताएं बताइये।
  109. प्रश्न- संस्कार शब्द से आप क्या समझते हैं? उसका अर्थ एवं परिभाषा लिखते हुए संस्कारों का विस्तार तथा उनकी संख्या लिखिए।
  110. प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में संस्कारों के प्रयोजन पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
  111. प्रश्न- प्राचीन भारत में विवाह के प्रकारों को बताइये।
  112. प्रश्न- प्राचीन भारतीय समाज में नारी की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  113. प्रश्न- वैष्णव धर्म के उद्गम के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  114. प्रश्न- महाकाव्यकालीन स्त्रियों की दशा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  115. प्रश्न- पुरातत्व अध्ययन के स्रोतों को बताइए।
  116. प्रश्न- पुरातत्व साक्ष्य के विभिन्न स्रोतों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  117. प्रश्न- पुरातत्वविद् की विशेषताओं से अवगत कराइये।
  118. प्रश्न- पुरातत्व के विषय में बताइए। पुरातत्व के अन्य उप-विषयों व उसके उद्देश्य व सिद्धान्तों से अवगत कराइये।
  119. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के लाभों से अवगत कराइये।
  121. प्रश्न- पुरातत्व को जानने व खोजने में प्राचीन पुस्तकों के योगदान को बताइए।
  122. प्रश्न- विदेशी (लेखक) यात्रियों के द्वारा प्राप्त पुरातत्व के स्रोतों का विवरण दीजिए।
  123. प्रश्न- पुरातत्व स्रोत में स्मारकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  124. प्रश्न- पुरातत्व विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  125. प्रश्न- शिलालेख, पुरातन के अध्ययन में किस प्रकार सहायक होते हैं?
  126. प्रश्न- न्यूमिजमाटिक्स की उपयोगिता को बताइए।
  127. प्रश्न- पुरातत्व स्मारक के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  128. प्रश्न- "सभ्यता का पालना" व "सभ्यता का उदय" से क्या तात्पर्य है?
  129. प्रश्न- विश्व में नदी घाटी सभ्यता के विकास पर प्रकाश डालिए।
  130. प्रश्न- चीनी सभ्यता के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  131. प्रश्न- जियाहू एवं उबैद काल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  132. प्रश्न- अकाडिनी साम्राज्य व नॉर्ट चिको सभ्यता के विषय में बताइए।
  133. प्रश्न- मिस्र और नील नदी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  134. प्रश्न- नदी घाटी सभ्यता के विकास को संक्षिप्त रूप से बताइए।
  135. प्रश्न- सभ्यता का प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  136. प्रश्न- सिन्धु सभ्यता के विस्तार के विषय में बताइए।
  137. प्रश्न- मेसोपोटामिया की सभ्यता पर प्रकाश डालिए।
  138. प्रश्न- सुमेरिया की सभ्यता कहाँ विकसित हुई? इस सभ्यता की सामाजिक संरचना पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए।
  139. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता के भारतवर्ष से सम्पर्क की चर्चा कीजिए।
  140. प्रश्न- सुमेरियन समाज के आर्थिक जीवन के विषय में बताइये। यहाँ की कृषि, उद्योग-धन्धे, व्यापार एवं वाणिज्य की प्रगति का उल्लेख कीजिए।
  141. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  142. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की लिपि का विकासात्मक परिचय दीजिए।
  143. प्रश्न- सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
  144. प्रश्न- प्राचीन सुमेरिया में राज्य की अर्थव्यवस्था पर किसका अधिकार था?
  145. प्रश्न- बेबीलोनिया की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता की सामाजिक.विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
  146. प्रश्न- बेबीलोनिया के लोगों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
  147. प्रश्न- बेबिलोनियन विधि संहिता की मुख्य धाराओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  148. प्रश्न- बेबीलोनिया की स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए।
  149. प्रश्न- बेबिलोनियन सभ्यता की प्रमुख देनों का मूल्यांकन कीजिए।
  150. प्रश्न- असीरियन कौन थे? असीरिया की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताइये कि यह समाज कितने वर्गों में विभक्त था?
  151. प्रश्न- असीरिया की धार्मिक मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए। असीरिया के लोगों ने कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में किस प्रकार प्रगति की? मूल्यांकन कीजिए।
  152. प्रश्न- प्रथम असीरियाई साम्राज्य की स्थापना कब और कैसे हुई?
  153. प्रश्न- "असीरिया की कला में धार्मिक कथावस्तु का अभाव है।' स्पष्ट कीजिए।
  154. प्रश्न- असीरियन सभ्यता के महत्व पर प्रकाश डालिए।
  155. प्रश्न- प्राचीन मिस्र की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? मिस्र का इतिहास जानने के प्रमुख साधन बताइये।
  156. प्रश्न- प्राचीन मिस्र का समाज कितने वर्गों में विभक्त था? यहाँ की सामाजिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  157. प्रश्न- मिस्र के निवासियों का आर्थिक जीवन किस प्रकार का था? विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- मिस्रवासियों के धार्मिक जीवन का उल्लेख कीजिए।
  159. प्रश्न- मिस्र का समाज कितने भागों में विभक्त था? स्पष्ट कीजिए।
  160. प्रश्न- मिस्र की सभ्यता के पतन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  161. प्रश्न- चीन की सभ्यता के विषय में आप क्या जानते हैं? इस सभ्यता के इतिहास के प्रमुख साधनों का उल्लेख करते हुए प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  162. प्रश्न- प्राचीन चीन की सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कीजिए।
  163. प्रश्न- चीनी सभ्यता के भौगोलिक विस्तार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- चीन के फाचिया सम्प्रदाय के विषय में बताइये।
  165. प्रश्न- चिन राजवंश की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।

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